हेल्थ साइंस: स्वास्थ्य की गुणवत्ता का विज्ञान-

हेल्थ साइंस: परिचय-

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वर्तमान समय में, हर व्यक्ति करियर, लक्ष्य और प्रतिस्पर्धा की दौड़ में अत्यधिक व्यस्त है। इसी व्यस्तता के कारण, तीव्र गति से बदलती हुई दिनचर्या, अनियमित जीवनशैली, असंतुलित तथा गलत खानपान, शारीरिक गतिविधियों (योग और व्यायाम) की कमी, मानसिक तनाव, नींद की कमी, आदि सभी का दुष्परिणाम, हमारे स्वास्थ्य पर भी देखने को मिल रहा है। इस संसार में अधिकांश लोगों को अपने स्वास्थ्य से सम्बंधित, अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अतः इन सभी की समस्याओं के समाधान के लिए, हेल्थ साइंस का महत्व, पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है।

हेल्थ साइंस (स्वास्थ्य विज्ञान) एक ऐसा विज्ञान है जिसके अंतर्गत, मनुष्य के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। यह न केवल बीमारियों के उपचार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि रोगों की रोकथाम करने, जीवनशैली में सुधार करने, और इसके अतिरिक्त शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने में सहायता करता है। हेल्थ साइंस का प्रमुख उद्देश्य यह है कि, प्रत्येक मनुष्य पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर, सक्रियता के साथ, अपना सम्पूर्ण जीवन व्यतीत कर सके।

आज के युग में हेल्थ साइंस के अंतर्गत, स्वास्थ्य को केवल रोग से मुक्त होने अथवा इसके उपचार की स्थिति तक ही सीमित नहीं देखा जाता है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक और सामाजिक दृष्टि से, पूर्णतः स्वस्थ रहने की स्थिति को दर्शाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसी परिभाषा का समर्थन करता है। हेल्थ साइंस भी इसी अवधारणा पर कार्य करता है और मनुष्य को पूर्ण रूप से स्वस्थ रहने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देता है। संक्षेप में, हेल्थ साइंस, एक ऐसा जीवन साथी है जो हमें स्वस्थ, सशक्त और सुखी जीवन व्यतीत करने की राह दिखाता है।

हेल्थ साइंस में नए-नए अनुसंधान का विशेष महत्व है। नई-नई बीमारियों के बारे में जानना, उनके कारणों को समझना, और फिर उनकी रोकथाम या इलाज के लिए प्रभावी रणनीतियां विकसित करना, इसकी मूलभूत प्रक्रिया है। कोविड-19 महामारी ने इस बात को और भी स्पष्ट कर दिया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तीव्र गति से किये गए किये गए अनुसंधान की सहायता से वैश्विक स्तर पर भी संकट से कैसे निपटा जा सकता है।

हेल्थ साइंस का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह समाज के सभी वर्गों तक स्वास्थ्य सेवायें पहुँचाने की दिशा में भी कार्य करता है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी बस्तियों तक, स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना, टीकाकरण अभियान चलाना, पोषण सुधारना और महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर ध्यान देना हेल्थ साइंस का प्रमुख उद्देश्य है।

अतः, हेल्थ साइंस (स्वास्थ्य विज्ञान केवल एक अकादमिक या तकनीकी विषय नहीं है, बल्कि यह सीधे-सीधे मनुष्य के जीवन से जुड़ा एक मानवीय विज्ञान है। हेल्थ साइंस हमें सिखाता है कि कैसे हम अपने शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हुए न केवल दीर्घकालिक जीवन व्यतीत कर सकें, बल्कि एक गुणवत्तापूर्ण, सक्रिय और संतुलित जीवन भी व्यतीत कर सकें। स्वास्थ्य ही जीवन की सबसे कीमती पूंजी है। जब हमारा शरीर, पूर्ण रूप से स्वस्थ है, मन शांत है, और सोच सकारात्मक है तभी हम अपने जीवन को पूरी ऊर्जा, आत्मविश्वास और सक्रियता के साथ, अपना सम्पूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

हेल्थ साइंस: मुख्य शाखाएं-

हेल्थ साइंस, एक बहुआयामी विषय और अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इसका उद्देश्य, न केवल बीमारियों का निदान और उपचार करना है, बल्कि संपूर्ण मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, उनके जीवन की गुणवत्ता को सुधारना और रोगों की रोकथाम और उसके समाधान के लिए उपाय खोजना भी है। यह विज्ञान जैविक, सामाजिक, व्यवहारिक और तकनीकी, हर दृष्टिकोण से मानव शरीर और उसके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी देता है।

हेल्थ साइंस को विभिन्न शाखाओं में विभाजित किया गया है, जिससे कि इसका अध्ययन और अनुसंधान अधिक व्यवस्थित और अधिक प्रभावशाली हो सके। इन शाखाओं में से प्रत्येक का अपना एक विशिष्ट कार्यक्षेत्र होता है। अतः हेल्थ साइंस की मुख्य शाखाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

A. चिकित्सा विज्ञान-

यह हेल्थ साइंस की सबसे प्राचीन और व्यापक शाखा है। इसका उद्देश्य, शरीर में उत्पन्न होने वाली विभिन्न बीमारियों का अध्ययन, निदान, उपचार और समाधान करना है। चिकित्सा विज्ञान के अंतर्गत कई उपशाखाएं आती हैं। जैसे-

1- एनाटॉमी- शरीर की संरचना और प्रत्येक अंगों का अलग-अलग अध्ययन करना।

2- फिजियोलॉजी- शरीर के प्रत्येक अंगों की कार्यप्रणाली को समझना।

3- पैथोलॉजी- बीमारियों के कारणों और उनके अलग-अलग प्रभावों का अध्ययन करना।

4- फार्माकोलॉजी- दवाओं का अध्ययन और उनका शरीर पर अलग-अलग प्रभाव का अध्ययन करना।

5- सर्जरी- शल्य चिकित्सा क्रिया द्वारा बीमार अंगों का उपचार और समाधान करना।

B. दंत विज्ञान-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, मुंह, दांत, मसूड़े और जबड़ों से संबंधित बीमारियों का अध्ययन किया जाता है। यह एक विशेषीकृत शाखा है जिसमें दांतों की सफाई, क्षय का उपचार, रूट कैनाल, इम्प्लांट्स आदि सभी सम्मिलित हैं

C. आयुर्विज्ञान या औषधि विज्ञान-

इस शाखा के अंतर्गत दवाओं के निर्माण, विकास, विश्लेषण और वितरण से जुड़ी जानकारियों का अध्ययन किया जाता है कि कौन-सी औषधि किस रोग के लिए अधिक प्रभावशाली है और उसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। इसकी प्रमुख उप-शाखाएं इस प्रकार हैं।

1. फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री।

2. फार्माकोलॉजी।

3. फार्माकोग्नोसी।

4. क्लिनिकल फार्मेसी।

D. नर्सिंग विज्ञान-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, नर्सिंग वह शाखा है जो रोगी की देखभाल, मानसिक सहारा, दवाओं का सही समय पर सेवन और पुनर्वास प्रक्रिया में सहायता प्रदान करती है यह क्षेत्र सहानुभूति, सेवा भावना और चिकित्सकीय ज्ञान का समन्वय है। नर्स न केवल डॉक्टरों की सहायिका होती हैं बल्कि रोगियों की पहली देखभालकर्ता भी होती हैं।

E. जनस्वास्थ्य या सार्वजनिक स्वास्थ्य-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, यह शाखा, किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज या बड़े समुदाय के स्वास्थ्य की चिंता करती है। इसका उद्देश्य इस प्रकार है।

1- बीमारियों की रोकथाम।

2- स्वास्थ्य शिक्षा का प्रसार।

3- पोषण सुधार।

4- स्वच्छता और साफ-सफाई की व्यवस्था।

5- टीकाकरण अभियान।

6- महामारी नियंत्रण।

F. पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक्स-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, यह शाखा रोगों की पहचान और परीक्षण से जुड़ी होती है। विभिन्न जांच जैसे खून, मूत्र, थूक, एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई आदि के माध्यम से रोग की जड़ तक पहुंचा जाता है। यह चिकित्सा-निर्णय की नींव है, क्योंकि सही निदान के बिना प्रभावशाली उपचार संभव नहीं है।

G. फिजियोथेरेपी-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, फिजियोथेरेपी वह शाखा है, जिसमें शरीर की समस्त गतिविधियों को पुनः सामान्य करने का प्रयास किया जाता है। यह उन लोगों के लिए लाभदायक है जिन्हें चोट, आघात, या किसी ऑपरेशन के बाद शारीरिक गतिविधियों में कठिनाई हो रही हो। इसमें व्यायाम, मालिश, हीट थैरेपी, अल्ट्रासाउंड आदि तकनीकों का उपयोग किया जाता है।

H. आहार एवं पोषण विज्ञान-

इस शाखा के अंतर्गत, संतुलित आहार, पोषण तत्वों और शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। यह जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे- मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि को नियंत्रित करने में सहायक है। इसमें एक आहार विशेषज्ञ, व्यक्ति की उम्र, स्थिति और स्वास्थ्य को देखते हुए, उनके लिए उपयुक्त आहार की योजना बनाता है।

I. मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, यह शाखा मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य से संबंधित है। इसमें तनाव, अवसाद, चिंता, मानसिक विकार आदि का अध्ययन और उपचार सभी सम्मिलित हैं। यह शाखा, व्यक्ति की सोच, व्यवहार और भावनाओं को समझकर, मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है।

J. प्रसूति और स्त्री रोग विज्ञान-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, यह शाखा, महिलाओं से संबंधित प्रजनन प्रणाली, गर्भावस्था, प्रसव और इससे संबंधित रोगों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण शाखा है। स्त्री रोग विशेषज्ञ महिलाओं को प्रजनन, स्वास्थ्य, हार्मोन असंतुलन और मासिक धर्म से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान करते हैं।

K. स्वास्थ्य सूचना प्रौद्योगिकी-

इस आधुनिक शाखा के अंतर्गत, कंप्यूटर और डेटा तकनीक का उपयोग करके, स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक संगठित और अधिक प्रभावशाली बनाया जाता है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड्स, टेलीमेडिसिन, डेटा विश्लेषण आदि सभी सम्मिलित हैं।

अतः हेल्थ साइंस की विभिन्न शाखाएं मिलकर, एक व्यक्ति से लेकर संपूर्ण समाज तक स्वास्थ्य की सभी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। आधुनिक युग में, जहां रोगों की संख्या बढ़ रही है, वहीं हेल्थ साइंस की इन शाखाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है। इन सभी शाखाओं का संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण उद्देश्य है, स्वस्थ समाज का निर्माण, उत्तम स्वास्थ्य के साथ दीर्घायु जीवन की प्राप्ति और मानवता की सेवा। हेल्थ साइंस, न केवल उपचार और समाधान का माध्यम है, बल्कि यह एक जीवन दर्शन है जो इस कथन “स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है।” को साकार करता है।

स्वास्थ्य से संबंधित अन्य ऑनलाइन संसाधन-

अगर आपको व्यक्तिगत स्वास्थ्य के बारे में कोई और जानकारी चाहिए, तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। आप नवीनतम वेबसाइट, vijaybooks.store पर जा सकते हैं। इससे संबंधित अन्य ब्लॉग भी हैं।

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हेल्थ साइंस: उत्तम स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कारक-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, उत्तम स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कारक इस प्रकार हैं।

1. हेल्थ साइंस: पोषण विज्ञान

हेल्थ साइंस

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, उत्तम स्वास्थ्य के लिए, संतुलित आहार, पोषण तत्वों और शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ-साथ, जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को नियंत्रित करने और एक आहार विशेषज्ञ के द्वारा, व्यक्ति की उम्र, स्थिति और स्वास्थ्य को देखते हुए, उनके लिए उपयुक्त आहार की योजना बनाया जाता है।

पोषक तत्वों का महत्व-

उत्तम स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पोषक तत्व कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज और पानी हैं। इसमें प्रत्येक पोषक तत्व की भूमिका अलग-अलग होती है। जैसे— ऊर्जा प्रदान करना, ऊतक का निर्माण करना, एंटीऑक्सीडेंट रक्षा करना आदि। इस के साथ-साथ

प्रत्येक डाइटरी फाइबर और माइक्रोबायोम की, आंत के स्वास्थ्य के लिए अलग-अलग महत्वपूर्ण भूमिका होती है।               

संतुलित आहार

संतुलित आहार वह आहार है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व उचित मात्रा में मौजूद होते हैं, जो शरीर के समुचित विकास, ऊर्जा उत्पादन और बीमारियों से रक्षा के लिए जरूरी होते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज (मिनरल्स), फाइबर और पर्याप्त मात्रा में पानी शामिल होना चाहिए। संतुलित आहार न केवल शरीर को ऊर्जा देता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है और शरीर की मरम्मत में मदद करता है। संतुलित आहार व्यक्ति की आयु, लिंग, कार्य और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।

2. हेल्थ साइंस: व्यायाम और फिटनेस-

हेल्थ साइंस

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, व्यायाम का अर्थ है शरीर को स्वस्थ, सशक्त और चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए किए जाने वाले शारीरिक क्रियाकलाप। इसमें योगासन, दौड़, खेल, उठक-बैठक, वज़न उठाना, पुश-अप्स आदि शामिल हो सकते हैं। इसका निम्नलिखित रूप में वर्णन किया गया है।

1. एरोबिक व्यायाम- दौड़ना, तेज़ चलना, साइकिलिंग, स्विमिंग आदि।

2. एनरोबिक व्यायाम- वेट ट्रेनिंग, उच्च तीव्रता अंतराल प्रशिक्षण (HIIT) आदि।

3. योग और स्ट्रेचिंग- योग मुद्राएँ, प्राणायाम, बालासन, सूर्य नमस्कार आदि।

व्यायाम के लाभ-

व्यायाम से हृदय‑स्वास्थ्य बेहतर होता है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है, वजन और तनाव कम होता है, मांसपेशियों और हड्डीयों को मजबूत बनाता है, लचीलापन बढ़ता है।

3. हेल्थ साइंस: मानसिक स्वास्थ्य

हेल्थ साइंस

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ है, एक व्यक्ति की भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक स्थिति। यह तनाव को संभालने, दूसरों से संबंध बनाने और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है।

मानसिक स्वास्थ्य के मुख्य पहलू-

1- भावनात्मक संतुलन – खुशी, दुख, गुस्सा, डर जैसी भावनाओं को पहचानना और उन्हें सही तरीके से व्यक्त करना।

2- सकारात्मक सोच – आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास और जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण।

3- तनाव प्रबंधन – जीवन में आने वाले दबाव और कठिनाइयों को संभालने की क्षमता।

4- अच्छे संबंध – परिवार, मित्रों और समाज से अच्छे संबंध बनाए रखना।

5- स्वस्थ जीवनशैली – नियमित नींद, संतुलित आहार, व्यायाम और नशे से दूरी।

मानसिक स्वास्थ्य खराब होने के संकेत-

मानसिक स्वास्थ्य खराब होने के संकेत इस प्रकार हैं। जैसे- लगातार उदासी या चिंता महसूस करना, ऊर्जा की कमी या थकान, भूख या नींद में बदलाव, किसी काम में रुचि न होना, आत्महत्या के विचार, नशे का अत्यधिक सेवन, सामाजिक अलगाव या गुस्सा आदि।

मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के उपाय-

मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के उपाय इस प्रकार हैं।

1. मन की बात करें- परिवार या दोस्तों से अपनी बात साझा करें।

2. व्यायाम करें- रोज़ाना हल्का व्यायाम या योग करें।

3. मेडिटेशन और प्राणायाम-  मन को शांत करने के लिए ध्यान लगाएँ।

4. रचनात्मक गतिविधि- पेंटिंग, लेखन, संगीत जैसी चीज़ों में मन लगाएँ।

5. सोशल मीडिया से ब्रेक लें- ज़रूरत पड़ने पर डिजिटल डिटॉक्स करें।

6. मनोचिकित्सक से सहायता लें-  जरूरत हो तो काउंसलर, साइकोलॉजिस्ट या मनोचिकित्सक से मिलें।

4. हेल्थ साइंस: रोग विज्ञान और रोकथाम-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, रोग विज्ञान और रोकथाम, एक महत्वपूर्ण विषय है जो यह समझने में मदद करता है कि बीमारियाँ कैसे उत्पन्न होती हैं, फैलती हैं और उन्हें कैसे रोका जा सकता है।

रोग विज्ञान-

रोग विज्ञान के अंतर्गत, रोग का कारण क्या है, वह शरीर को कैसे प्रभावित करता है और उसमें क्या परिवर्तन होते हैं, का अध्ययन करते हैं।

रोगों की रोकथाम

रोग रोकथाम के तीन स्तर होते हैं।

1. प्राथमिक रोकथाम

रोग होने से पहले ही उसे रोकना, प्राथमिक रोकथाम होता है। जैसे- टीकाकरण, स्वच्छता, पोषण, स्वास्थ्य शिक्षा आदि।

2. द्वितीयक रोकथाम-

रोग को प्रारंभिक अवस्था में पहचानकर उसका इलाज करना, द्वितीयक रोकथाम होता है। जैसे- नियमित जांच, प्रारंभिक इलाज, कैंसर, मधुमेह जैसी बीमारियों की जांच आदि।

3. तृतीयक रोकथाम-

रोग से होने वाले नुकसान को कम करना, तृतीयक रोकथाम होता है। जैसे- पुनर्वास, फिजियोथेरेपी, जीवनशैली में बदलाव आदि।

सामान्य रोगों की रोकथाम के उपाय

रोग का प्रकार

संचारी रोग

गैर-संचारी रोग

मानसिक रोग

रोकथाम के उपाय

टीकाकरण, हाथ धोना, स्वच्छ जल

व्यायाम, संतुलित आहार, तनाव प्रबंधन

मेडिटेशन, काउंसलिंग, सामाजिक सहयोग

रोग विज्ञान से, हम रोग को समझते हैं, और रोकथाम से, हम रोग को रोक सकते हैं।

हेल्थ साइंस: दैनिक जीवनशैली में बदलाव-

हेल्थ साइंस के अंतर्गत, यदि अपने दैनिक जीवनशैली में कुछ छोटे-छोटे बदलाव, नियमित रूप से किए जाएं, तो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर, बहुत बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

1. सुबह जल्दी उठना-

हेल्थ साइंस

इससे दिन भर ऊर्जा बनी रहती है, मन शांत और एकाग्र रहता है और दिन को अच्छी तरह प्लान किया जा सकता है।

2. ध्यान और योग-

हेल्थ साइंस

इससे तनाव कम होता है, मन और शरीर में संतुलन बना रहता है और आत्म-नियंत्रण और धैर्य बढ़ता है।

3. संतुलित आहार

हेल्थ साइंस

इसके लिए फल, सब्जियाँ, दाल, और साबुत अनाज लें, तले-भुने, पैकेट वाले और मीठे पदार्थों से बचें और प्रतिदिन पर्याप्त पानी पिएं।

4. नियमित शारीरिक गतिविधि

हेल्थ साइंस

इसके लिए दिन में कम से कम 30 मिनट चलना या हल्का व्यायाम करें। जिससे मोटापा, डायबिटीज़, हृदय रोग आदि से बचाव प्लान किया जा सके।

5. स्क्रीन टाइम सीमित करना-

हेल्थ साइंस

इससे आँखों और नींद की सुरक्षा, समय की बचत और मानसिक थकावट कम होती है।

6. पर्याप्त नींद लेना-

हेल्थ साइंस

वयस्कों के लिए कम से कम 6 घंटे की नींद जरूरी है, जिससे एकाग्रता और इम्यूनिटी बढ़ती है और मानसिक रोगों का खतरा घट जाता है।

7. व्यक्तिगत स्वच्छता-

इसके लिए हाथ धोना, नाखून काटना, नहाना, जिससे रोगों से बचाव, आत्म-सम्मान और सामाजिक स्वीकृति में मदद मिल सके।

हेल्थ साइंस: निष्कर्ष-

हेल्थ साइंस, एक बहुआयामी विज्ञान है, जो मानव जीवन को संतुलित, प्राकृतिक और दीर्घकालिक बनाता है। इसमें पोषण, नियमित व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य, समय पर नींद, रोग विज्ञान, और हेल्थ टेक्नोलॉजी, इन सभी का संतुलन आवश्यक है। यदि आप संतुलित आहार अपनाएं, नियमित व्यायाम करें, मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, सक्रिय रोग रोकथाम करें, और उन्नत हेल्थ टेक्नोलॉजी से जुड़ें, तो आप एक स्वस्थ और ऊर्जावान होकर, आत्मविश्वास और सक्रियता के साथ, अपना सम्पूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं। छोटे बदलाव ही बड़ी कामयाबी की बुनियाद होते हैं। हेल्थ साइंस, आपका सबसे बड़ा साथी है।

स्वस्थ रहिए, सकुशल रहिए!

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