एरियल योग: हवा में योग का अद्भुत अनुभव

एरियल योग: प्रस्तावना-

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योग, एक वैदिककालीन भारतीय पद्धति है। योग, न केवल शरीर को स्वस्थ रखने की एक कला है, बल्कि मन और आत्मा की गहराइयों को छूने वाली एक साधना भी है। हमारे प्राचीन आचार्यों, महापुरुषों और गुरुजनों के द्वारा, स्वस्थ और सूखी जीवन, मनुष्य का एक अभिन्न अंग माना गया है। योग के द्वारा केवल शरीर ही नहीं बल्कि मन और आत्मा, सभी का विकास होता है। यह शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने वाली एक वैज्ञानिक विधि है जो सदियों से, भारतीय परंपरा का अभिन्न अंग मानी जाती है।

परन्तु वर्तमान समय में, योग के कई परिवर्तित स्वरूप प्रकट हुए हैं, जिन्होंने इसे आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप और भी अधिक प्रभावशाली बना दिया है। इन्हीं नए स्वरूपों में से एक है ‘एरियल योग’। यह एक अनूठी और दिलचस्प योग-पद्धति है, जिसमें जमीन पर नहीं, बल्कि हवा में झूलते हुए योगासन किए जाते हैं। इसे फ्लाइंग योग, एंटी-ग्रेविटी योग या हैमॉक योग भी कहा जाता है।

एरियल योग क्या है?

आज के व्यस्त जीवनशैली में जहां  शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक शांति की आवश्यकताऐं भी बढ़ती जा रही हैं, वहीं एरियल योग एक संतुलित, रोमांचक और प्रभावशाली समाधान के रूप में प्रकट हुआ है। यह न केवल योग का अभ्यास है, बल्कि आत्मविश्वास, शारीरिक लचीलापन और मानसिक विश्राम अथवा शांति का एक अद्भुत मिश्रण है। है। एरियल योग का अभ्यास करते समय, शरीर का भार गुरुत्वाकर्षण से मुक्त रहता है, जिससे रीढ़ की हड्डी को राहत मिलती है और पूरे शरीर में लचीलापन आता है। यह थकान, तनाव, अनिद्रा, कमर दर्द और मानसिक असंतुलन जैसी समस्याओं से मुक्त करता है।

एरियल योग की इस पद्धति में, एक विशेष प्रकार के कपड़े या हैमॉक का उपयोग होता है, जिसे छत या किसी मजबूत संरचना से टांगा जाता है। इस हैमॉक की सहायता से शरीर हवा में संतुलित होता है और योग की पारंपरिक मुद्राओं को न केवल आसान, बल्कि अधिक प्रभावपूर्ण ढंग  से, इसका योगाभ्यास किया जाता हैं, तो इससे न केवल शरीर की शारीरिक मांसपेशियां खिंचती हैं, बल्कि मस्तिष्क भी तनाव-मुक्त हो जाता है।

एरियल योग, एक नई ऊर्जा, नया उत्साह और रोमांच के साथ आत्मविश्वास को भी नई ऊंचाई प्रदान करता है। यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी कार्य करता है। एरियल योग, विशेष रूप से उन सभी लोगों के लिए उपयुक्त है जो बैठकर काम करते हैं, पीठ दर्द से परेशान रहते हैं या तनाव-ग्रस्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यह उन्हें शारीरिक और मानसिक संतुलन के साथ-साथ एक नया दृष्टिकोण भी प्रदान करता है।

एरियल योग का इतिहास: परंपरा और नवाचार का संगम-

एरियल योग का जन्म प्राचीन भारतीय योग प्रणाली और आधुनिक फिटनेस तकनीकों के संयोग से हुआ है। यह योग की वह प्रणाली है जो सदियों पुरानी भारतीय योग पद्धति को एक नए और रोमांचक रूप में प्रस्तुत करती है। इसकी शुरुआत 1990 के दशक में पश्चिमी देशों, विशेष रूप से अमेरिका में हुई।

एरियल योग का श्रेय सबसे पहले क्रिस्टोफर हैरिसन को जाता है, जो एक पेशेवर डांसर और जिम्नास्ट थे। उन्होंने कुछ डांस और फिटनेस प्रशिक्षकों के साथ मिलकर, एरियल मूवमेंट, ऐक्रोबेटिक्स और योग को मिलाकर एक अनोखा फॉर्म विकसित किया, जिसे बाद में ‘एंटीग्रेविटी योग’ कहा गया। प्रारंभ में यह विधा केवल पेशेवर नर्तकों और परफॉर्मर्स के बीच तक ही सीमित थी, लेकिन बाद में शीघ्रता से इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी।

2007 के आसपास एरियल योग ने एक संगठित अभ्यास का रूप लेना शुरू किया और फिटनेस स्टूडियोज में, इसे एक नई योग पद्धति के रूप में सिखाया जाने लगा। इसमें भारतीय पारंपरिक योगासन जैसे अधोमुख शवासन, त्रिकोणासन और वृक्षासन को एक विशेष झूले (हैमॉक) की सहायता से हवा में किया जाने लगा। उस समय यह न केवल चुनौतीपूर्ण था, बल्कि थैरेप्यूटिक भी सिद्ध हुआ। धीरे-धीरे एरियल योग, सम्पूर्ण संसार में फैल गयी और आज भारत में भी कई योग स्टूडियोज और वेलनेस सेंटर्स पर, इसे सिखाया जा रहा है। एरियल योग एक ऐसा माध्यम बन चुका है, जहां प्राचीन परंपरा और नवाचार, दोनों एक साथ चलते हैं, जमीन से ऊपर उठकर, स्वास्थ्य और संतुलन की ओर।

पारंपरिक योग और एरियल योग  में तुलना-

विशेषता

स्थान

उपकरण

कठिनाई स्तर

लाभ

विशेषता

चुनौतियाँ

पारंपरिक योग

जमीन पर

योगा मैट

मध्यम से कठिन

मानसिक संतुलन

स्थिर अभ्यास

स्थिर मुद्रा

एरियल योग

हवा में (हैमॉक से लटककर)

एरियल हैमॉक, स्टैंड/बीम

शुरू में कठिन, फिर आनंददायक

रीढ़ की हड्डी की खिंचाई, शरीर का हल्कापन

गतिशील, रोमांचक अनुभव

फ्लिप्स और उल्टे पोज

एरियल योग से लाभ-

A- शारीरिक लाभ-

1. दर्द और जकड़न से राहत-

हवा में उल्टा लटकने से, रीढ़ की हड्डी पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है और उसमें खिंचाव आता है। इससे स्लिप डिस्क, कमर दर्द और गर्दन की जकड़न में आराम मिलता है।

2. संतुलन और लचीलापन-

हैमॉक पर योग करते समय शरीर का संतुलन बनाए रखना पड़ता है, जिससे संतुलन क्षमता और मांसपेशियों की लचक में वृद्धि होती है।

3. फिट और टोन

कोर मसल्स, कंधे, जांघ और पीठ की मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं, जिससे शरीर फिट और टोन होता है।

B- मानसिक लाभ-

1. मानसिक तनाव व चिंता में कमी-

हवा में हल्केपन का अनुभव, मन को शांत करता है और चिंता को दूर करता है। कोकून मुद्रा में आंखें बंद कर विश्राम करना, ध्यान और मेडिटेशन के समान प्रभाव देता है।

2. आत्मविश्वास में वृद्धि-

उल्टा लटकना या फ्लिप करना, कई लोगों के लिए डरावना हो सकता है, लेकिन जब इसे अभ्यास के आधार पर सफलतापूर्वक करते हैं तो आत्म-विश्वास में अद्भुत वृद्धि होती है।

3. नींद की गुणवत्ता में वृद्धि-

एरियल योग में गहरे सांस लेने और ध्यान केंद्रित करने की क्रियाएं होती हैं, जो मस्तिष्क में ‘कैल्मिंग हार्मोन्स’ जैसे सेरोटोनिन और मेलाटोनिन को बढ़ावा देती हैं। इससे चिंता कम होती है और नींद बेहतर होती है।

योग और व्यायाम से संबंधित अन्य ऑनलाइन संसाधन-

आजकल कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स हैं जो योग और व्यायाम सम्बन्धी निर्देश देते हैं। जैसे- vijaybooks.store  इनकी मदद से आप घर बैठे ही योग और व्यायाम का अभ्यास कर सकते हैं। इससे सम्बंधित अन्य ब्लॉग भी है।

yoga.ayush.gov.in भारत की एक सरकारी वेबसाइट है।

इसी ब्लॉग के समकक्ष अन्य ब्लॉग भी लिखा गया है।

एरियल योग के लिए पात्रता-

पात्र-

एरियल योग के लिए पात्र व्यक्ति इस प्रकार हैं।

1- फिट व स्वस्थ व्यक्ति, कर सकते हैं।

2- योग या डांस के अभ्यासकर्ता, कर सकते हैं।

3- वे लोग जो नई चीजें आजमाना चाहते हैं, कर सकते हैं।

4- पीठ दर्द से परेशान व्यक्ति डॉक्टर की सलाह के अनुसार, कर सकते हैं।

अपात्र-

एरियल योग के लिए अपात्र व्यक्ति इस प्रकार हैं।

1- जिनको चक्कर आते हैं नहीं कर सकते हैं।

2- उच्च रक्तचाप या दिल की बीमारी के मरीज नहीं कर सकते हैं।

3-गर्भवती महिलाएं, विशेष गाइडेंस के बिना, नहीं कर सकती हैं।

4-आंखों की बीमारियां जैसे ग्लूकोमा वाले लोग नहीं कर सकते हैं।

एरियल योग की प्रमुख मुद्राएं-

एरियल योग की प्रमुख मुद्राएं इस प्रकार हैं।

1. कोकून पोज

एरियल योग

हैमॉक की सहायता से पूरी तरह लटककर, हवा में आराम करना, यह ध्यान और मानसिक शांति के लिए, उत्तम माना जाता है।

2. स्टार इन्वर्शन-

एरियल योग

हवा में उल्टा होकर चारों अंगों को फैला लेना, रीढ़ और मन दोनों के लिए फायदेमंद होता है। ।

3. फ्लाइंग वारियर-

एरियल योग

यह योद्धा-मुद्रा का वेरिएशन है जिसमें शरीर को संतुलित रखते हुए हैमॉक की सहायता से आगे की ओर झुकते हैं।

4. बैकबेंड पोज-

एरियल योग

इस मुद्रा में पीठ को पीछे की ओर झुकाया जाता है जिससे छाती, पेट और पीठ की मांसपेशियां खुल जाती हैं।

एरियल योग की शुरुआत-

1. सही स्थान चुनें-

इसके लिए अपने निकट के योग स्टूडियो में जाकर, प्रशिक्षित और प्रमाणित शिक्षक से सलाह लें। शुरुआत में अकेले ना करें।

2. आवश्यक उपकरण-

1- मजबूत हैमॉक जो 300 किलो तक भार उठा सके।

2- स्टील हुक या बीम जहां हैमॉक लटकाया जा सके।

3- योग मैट, ग्रिप सॉक्स, और वॉटर बॉटल।

3. ड्रेस-

इसके लिए फुल स्लीव्स टॉप और लेगिंग पहनें। अधिक टाइट या ढीले कपड़े न पहनें। गहने, चेन आदि न पहनें

सुझाव-

1- शुरुआत में सप्ताह में 2-3 बार अभ्यास करें।

2- इसके लिए 5-10 मिनट वार्मअप आवश्यक है।

3- हर सत्र के बाद 5 मिनट कोकून में रिलैक्स करें।

4- अधिक पानी पिएं, हल्का भोजन करें।

5- शिक्षक के निर्देशों का पालन करें।

सावधानियां-

1- अचानक उल्टा न हों।

2- अगर चक्कर आए तो तुरंत रुकें।

3- चोट या ऑपरेशन के बाद डॉक्टर की सलाह लें।

4- बच्चों को विशेष निगरानी में अभ्यास कराएं।

एरियल योग और जिम में तुलना-

बिंदु

शरीर का भार

लचीलापन 

चोट की संभावना

फन एलिमेंट

एरियल योग

गुरुत्वाकर्षण से मुक्त

उच्च

कम

उच्च

जिम

भार उठाना होता है

कम

अधिक

सामान्य

निष्कर्ष-

एरियल योग केवल एक वर्कआउट ही नहीं बल्कि यह हवा में उड़ने जैसा अनुभव देता है और जिसमें फिटनेस, लचीलापन और मानसिक शांति तीनों का संयोजन मिलता है। एरियल योग, शरीर तथा मन दोनों के लिए सफल जीवन की एक पद्धति है। जो लोग पारंपरिक योग से कुछ अलग अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं तो, एरियल योग उनके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। यदि आप भी स्वस्थ रहना चाहते हैं और मन को शांत करना चाहते हैं, तो आज ही किसी अनुभवी योग गुरु से जुड़कर एरियल योग की शुरुआत करें। यह न केवल आपके शरीर और मन को बल्कि आपके सम्पूर्ण जीवन के लिए भी नई दिशा प्रदान करता है।

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