न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: भूमिका

वर्तमान समय में, तेज़ रफ़्तारऔर भागदौड़ से भरे जीवन में, अनियमित तथा गलत खानपान, तनावपूर्ण जीवनशैली, शारीरिक गतिविधियों (व्यायाम) की कमी, नींद की कमी और व्यायाम की अनदेखी आदि सभी, हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। अधिक व्यस्तता के कारण लोग समय के अभाव में, अपने स्वास्थ्य की देख-भाल ठीक से नहीं करते हैं।, इसी कारण, लोग तेजी से अनेक प्रकार के रोगों का शिकार हो रहे हैं। इस संसार में अधिकांश लोगों को अपने शारीरिक और मानसिक अस्वस्थता की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी समस्याओं का समाधान, न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के माध्यम से ही संभव है। न्यूट्रिशन एंड वेलनेस, हमारे स्वस्थ जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने वाले एक ही सिक्के के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। न्यूट्रिशन के द्वारा हम शरीर को, उचित मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज प्रदान करते हैं जिससे शरीर सही ढंग से कार्य कर सके।
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एक संतुलित आहार, न केवल हमें बीमारियों से बचाता है, बल्कि ऊर्जा और शक्ति भी प्रदान करता है। आज की व्यस्त जीवन-शैली में लोग अनेक प्रकार के जंक फूड, असंतुलित भोजन और अनियमित दिनचर्या के कारण कई प्रकार की बीमारियों जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदिअनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। वहीं, वेलनेस के द्वारा हम केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी संतुलित और स्वस्थ जीवन प्राप्त करते हैं। अतः हमारे लिए, जीवन में न्यूट्रिशन एंड वेलनेस का सही ज्ञान आवश्यक हो जाता है।
न्यूट्रिशन-

हम प्रतिदिन भोजन में अलग-अलग प्रकार के पके हुए तथा कच्चे खाद्य पदार्थ लेते है। जैसे- रोटी, सब्जी, दाल, चावल आदि पके हुए के रूप में तथा टमाटर गाजर मूली खीरा आदि सभी कच्चे ही खा लेते है। इन सभी खाद्य पदार्थों में अनेक प्रकार के तत्व पाए जाते है जो हमारे शरीर को स्वस्थ तथा निरोग रखते हैं इन्हीं तत्वों को न्यूट्रिशन कहा जाता है। न्यूट्रिशन का अर्थ मात्र भोजन तक ही नहीं सीमित है। शरीर को आवश्यक सभी पोषक तत्वों को संतुलित मात्रा में देना ही सही पोषण है। यह पाँच प्रमुख तत्वों पर आधारित होता है: भोजन में निम्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं।
1- कार्बोहाइड्रेट-
कार्बोहाइड्रेट,कार्बनिक पदार्थ है। यह शरीर में ऊर्जा उत्पन्न करने का मुख्य स्रोत है। जैसे- ज्वार, बाजरा, मक्का, चावल, आलू, फल, चुकंदर ,खजूर आदि।
2- प्रोटीन-
प्रोटीन एक जटिल कार्बनिक पदार्थ है। जैसे- चना, मटर ,मूंग, मसूर, अरहर, मक्का, सोयाबीन आदि प्रोटीन के मुख्य स्रोत हैं। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। यह शरीर के घावों को भरने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
3- वसा-
इसे शक्तिदायक ईंधन भी कहा जाता है। मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, नारियल आदि के तेल, वसा के पादप स्रोत हैं। अंडे, मांस, मछली, दुग्ध-उत्पाद आदि वसा के जंतु स्रोत हैं। इसकी कमी से शरीर की कार्य-क्षमता काम हो जाती है इसकी अधिकता से मधुमेह, ह्रदय-रोग आदि हो जाते हैं।
4- विटामिन्स –
विटामिन तथा खनिज लवण, हमें हरी-हरी सब्जियों तथा फलों से प्राप्त होते हैं। ये अनेक रोगों से हमारी रक्षा करते हैं। विटामिन जटिल कार्बनिक यौगिक होते हैं। शरीर में प्रत्येक अंग को आवश्यकतानुसार अलग अलग विटामिन की आवश्यकता पड़ती है। भोजन में विटामिन के सभी स्रोतों को सम्मिलित करके हम स्वस्थ रह सकते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं।
1-वसा में घुलनशील विटामिन-विटामिन A, D, E तथा K
2-जल में घुलनशील विटामिन-विटामिन B तथा C
5-खनिज लवण –
शरीर को सक्रिय बनाने के लिए अल्प मात्रा में ही सही, परन्तु अनिवार्य रूप से खनिज लवणों का भोजन में होना अति आवश्यक होता है। जैसे- आयरन की कमी से एनीमिया (खून की कमी) होता है जिसका स्रोत- मांस, अंडा, अनाज, हरी सब्जियां है। कैल्शियम की कमी से दाँत तथा हड्डियों का कमजोर होना जिसका स्रोत- दूध, पनीर, अनाज, हरी सब्जियां है।
6- जल-
शरीर की हर कोशिका को सक्रिय बनाए रखने के लिए, पर्याप्त पानी आवश्यक है। प्रतिदिन 8–10 गिलास पानी पीना चाहिए।
वेलनेस-

वेलनेस का अर्थ केवल बीमार न होना, तक ही नहीं सीमित है बल्कि सक्रिय और सकारात्मक जीवन जीना भी है। यह शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का संतुलन है। इसमें नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद लेना, तनाव से मुक्त होना, सकारात्मक सोच और सामाजिक संबंधों का भी योगदान होता है। जब हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं, तभी हम अपने व्यक्तिगत और व्यवसायिक जीवन में सफल हो सकते हैं। इसलिए हम अपने आहार, जीवन-शैली और मानसिक स्थिति पर ध्यान दें और न्यूट्रिशन एंड वेलनेस को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। यह न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा, बल्कि संपूर्ण जीवन को भी संतुलित और सुखद बना देगा।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: सकारात्मक सोच
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के अंतर्गत, एक प्लेट में आदर्श भोजन के रूप में, पूरे भोजन का आधा भाग (50%) हरी सब्जियाँ और फल, एक चौथाई भाग (25%) साबुत अनाज (जैसे- रोटी, चावल), एक चौथाई भाग (25%) प्रोटीन (जैसे-दाल, अंडा, पनीर), एक चम्मच घी और 8–10 गिलास पानी, दिन भर में सम्मिलित होना चाहिए।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के लिए प्रोसेस्ड फूड्स, अधिक नमक और चीनी, डीप फ्राइड आइटम्स, कृत्रिम पेय (सॉफ्ट ड्रिंक्स) आदि सभी से बचना चाहिए।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: मानसिक स्वास्थ्य

न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के सन्दर्भ में, गलत खान-पान हमारे अवसाद, चिंता और तनाव को बढ़ा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी पोषक तत्व भोजन के रूप में, फैटी एसिड (मछली, अखरोट), मैग्नीशियम (केला, पालक), विटामिन B12 (दूध, अंडा), प्रोबायोटिक्स (दही, छाछ) नियमित रूप से लेना चाहिए। प्रोसेस्ड भोजन जैसे- ट्रांस फैट, उच्च चीनी और नमक की मात्रा होती है जो मोटापा, उच्च रक्तचाप और डायबिटीज़ जैसी बीमारियों का कारण बनती हैं। भोजन समय की अनियमितता, तनाव और नींद की कमी, शारीरिक गतिविधियों इन सभी कारणों से असंतुलन पैदा होता है और शरीर रोगों का घर बन जाता है।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: स्वस्थ दिनचर्या

न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के सन्दर्भ में, स्वस्थ दिनचर्या इस प्रकार है।
प्रत्येक दिन सुबह को गुनगुना पानी नीबू के साथ लें। प्राणायाम या योगासन करें। पौष्टिक नाश्ता के रूप में, ओट्स, फल, अंकुरित अनाज ग्रहण करें। दोपहर को संतुलित भोजन के रूप में, रोटी, सब्ज़ी, दाल, चावल ग्रहण करें। शाम को हेल्दी स्नैक के रूप में, मखाने, भुना चना के साथ हर्बल चाय अनाज ग्रहण करें। रात में, हल्का भोजन के रूप में, दलिया या खिचड़ी ग्रहण करें और सोने से पहले ध्यान या 5 मिनट का डीप ब्रीदिंग करें।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: भारतीय खानपान और पश्चिमी खानपान में तुलना-
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के सन्दर्भ में, भारतीय खानपान और पश्चिमी खानपान में तुलना इस प्रकार है।
विषय
मुख्य खाद्य
वसा स्रोत
पाचन
रोग/जोखिम
भारतीय आहार
दाल-चावल, रोटी-सब्ज़ी
घी, नारियल तेल
मसाले और फाइबर से भरपूर
कम, होता है यदि संतुलित हो तो
पश्चिमी आहार
ब्रेड, पास्ता
बटर, मेयो
कम फाइबर
अधिक होता है यदि प्रोसेस्ड हो तो
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: स्वस्थ जीवन-शैली के लिए सुझाव-

न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के सन्दर्भ में, स्वस्थ जीवनशैली के लिए सुझाव इस प्रकार है।
1-सुबह का नाश्ता कभी नहीं छोड़ना चाहिए। यह दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है। एक प्रोटीन युक्त नाश्ता (जैसे – मूंग दाल चिल्ला, ओट्स आदि) मेटाबोलिज़्म को तेज़ करता है।
2-प्रतिदिन घर का बना खाना खाना चाहिए। घर का बना ताजा भोजन हमेशा स्वास्थ्यवर्धक होता है। बाजार से खरीदे हुए स्नैक्स की जगह फल, नट्स और बीजों का सेवन करें।
3-हर 2-3 घंटे में हल्का भोजन लेना चाहिए। यह मेटाबोलिज़्म को सक्रिय रखता है और अधिक खाने से रोकता है। मौसम के अनुसार भोजन करें। जैसे- गर्मियों में जलधारी फल (जैसे- तरबूज, खीरा,…..) और सर्दियों में उष्ण खाद्य पदार्थ (जैसे- गुड़, तिल, मूंगफली,…..)।
4-प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट पैदल चलना, योग या अन्य व्यायाम करना आवश्यक है।
5-प्रतिदिन नींद पर ध्यान देना चाहिए। रात्रि में भोजन हल्का और सोने से कम से कम 2 घंटे पहले करें। 7–8 घंटे की गहरी नींद से, शरीर को भरपूर आराम मिलता है।
6- सप्ताह में मानसिक विश्राम के लिए, एक दिन ‘डिजिटल डिटॉक्स’ करें।
7- एक डायरी में प्रतिदिन का आहार और मूड नोट करें। इस प्रकार न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के अंतर्गत, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संबंध स्पष्ट होगा।
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इस ब्लॉग के समान ही एक और ब्लॉग लिखा गया है।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: मानसिक स्वास्थ्य–
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के सन्दर्भ में, कई शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि सही पोषण, मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है।
1-ओमेगा-3 फैटी एसिड, ये हमारे हमारी अवसाद और चिंता को कम करते हैं।
2- विटामिन B12 और फोलेट, ये हमारे हमारी मानसिक स्पष्टता और याददाश्त को सुधारते हैं।
3- प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ जैसे दही, किमची, ये हमारे हमारी आंत स्वास्थ्य सुधारते हैं, जिससे मानसिक स्थिति भी बेहतर होती है।
4- तनाव में लोग अक्सर ‘कम्फर्ट फूड’ की ओर बढ़ते हैं जो सामान्य रूप से, अस्वास्थ्यकारी होते हैं। ऐसे समय में स्वस्थ विकल्प जैसे डार्क चॉकलेट, फल, हर्बल चाय का चयन करना चाहिए।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: आयुर्वेदिक दृष्टिकोण-
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के अंतर्गत, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से पोषण, त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के अनुसार, इस प्रकार आहार का चयन करें
1- वात दोष के लिए-
गर्म, चिकनाईयुक्त और पौष्टिक आहार जैसे तिल का तेल, खिचड़ी, सूखे मेवे, मौसमी फल और सब्जियाँ खाएं।
2- पित्त दोष के लिए-
ठंडे, मीठे और कम तीखे भोजन जैसे चावल, दूध, घी अच्छे होते हैं।
3- कफ दोष के लिए–
हल्का, गर्म और तीखा भोजन जैसे हल्दी, जीरा, सौंफ अदरक, हल्दी, हरी सब्जियाँ उपयुक्त होती हैं।
भोजन को मन लगाकर खाएं, यह माइंडफुल ईटिंग कहलाता है।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: व्यायाम-

न्यूट्रिशन एंड वेलनेस के अंतर्गत, पोषण और व्यायाम एक साथ मिलकर शरीर को ऊर्जा, लचीलापन और रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं। इसीलिए प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक अपनी क्षमता के अनुसार, पैदल चलना, योग, साइक्लिंग, डांस अथवा तैराकी करना आवश्यक है।
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस: निष्कर्ष-
न्यूट्रिशन एंड वेलनेस एक स्थायी ट्रेंड् है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, सकारात्मक सोच और प्राकृतिक जीवन-शैली, स्वस्थ जीवन की कुंजी है। पोषण केवल शरीर का विषय नहीं, यह मन, आत्मा और सामाजिक संबंधों को भी प्रभावित करता है। अतः उत्तम स्वास्थ्य की दिशा में कदम बढ़ाएंऔर न्यूट्रिशन एंड वेलनेस को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं। यह आपके जीवन की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव ला सकता है।
अतः सही पोषण को अपनाएं और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।
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