ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड: भूमिका–
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वर्तमान समय में, व्यस्त जीवनशैली के अंतर्गत, फास्ट फूड हम सभी के दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। चाहे कर्मचारी हों, छात्र हों या अन्य युवा वर्ग। इन सभी लोगों का सामना, प्रतिदिन फास्ट फूड से होता है। आज के समय में, फास्ट फूड की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह हर जगह उपलब्ध होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होता है।
इन सभी स्वादिष्ट फास्ट फूड में, ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है जो गेहूं, जौ और राई में विद्यमान होता है। इसके साथ ही हम सभी के जीवनशैली में, क्विक मील के समान कार्य भी करता है। लेकिन जैसे- बर्गर, पिज्जा, पास्ता, सैंडविच और नूडल्स जैसी अन्य वस्तुएं। इन सभी वस्तुओं को तैयार करने में, गेहूं या मैदा ही प्रमुख रूप से उपयोग होता है।
इसके साथ ही इन सभी फास्ट फूड में कई प्रकार के सॉस और प्रोसेस्ड मसालों का भी उपयोग होता है, जिसमें ग्लूटेन छिपा होता है। यद्यपि ग्लूटेन हर किसी के शरीर के लिए सुरक्षित नहीं होता। इसी कारण फास्ट फूड का आनंद लेने वाले लोगों के लिए, ग्लूटेन से बच पाना मुश्किल हो जाता है। अतः ऐसे समय में, ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड को लेना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
ग्लूटेन–

ग्लूटेन एक प्रकार का प्राकृतिक प्रोटीन है जो प्रमुख रूप से गेहूं, जौ और राई जैसे अनाजों में पाया जाता है। जब आटे को पानी के साथ गूंधा जाता है, तो आटा, ग्लूटेन के कारण ही लोच, तन्य और बाइंडिंग बन जाता है। इसी कारण रोटी, ब्रेड, या नूडल्स को मुलायम और चबाने योग्य बनाता है। यद्यपि सभी लोग ग्लूटेन को पचाने में असमर्थ होते हैं और कुछ लोगों का शरीर, ग्लूटेन को स्वीकार नहीं कर पाता है जिससे उनमें सीलिएक नामक रोग उत्पन्न हो जाता है। जिसमें शरीर ग्लूटेन को पचाने में असमर्थ हो जाता है, और छोटी आंत को बुरी तरह प्रभावित करने लगता है और पोषक तत्वों का अवशोषण, प्रभावित हो जाता है।
इसके साथ ही, कई लोग ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील भी हो जाते हैं। इन्हीं कारणों से ग्लूटेन फ्री विकल्पों की आवश्यकता और लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन, तेजी से बढ़ती जा रही है। केवल ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील लोग ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और फिटनेस के प्रति केंद्रित रहने वाले लोग भी, अपने आहार में ग्लूटेन फ्री फूड को सम्मिलित कर रहे हैं। यह ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, उनके पाचन तंत्र में सरलता प्रदान करता है, ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है और वजन प्रबंधन में भी सहायता करता है।
ग्लूटेन के दुष्प्रभाव–

ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, जौ और राई में पाया जाता है। अधिकांश लोगों के लिए यह सामान्य है, लेकिन कुछ लोगों में यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। सर्वप्रथम, यह सीलिएक रोग से संबंधित है। सीलिएक रोग, एक ऑटोइम्यून स्थिति है जिसमें ग्लूटेन के प्रयोग से छोटी आंत की परत को नुकसान पहुँचता है और शरीर आवश्यक पोषक तत्वों का अवशोषण नहीं कर पाता है। ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील होने से, उन्हें पेट दर्द, गैस, दस्त, सूजन, और सिरदर्द जैसी समस्यायें उत्पन्न हो जाती हैं। आंत रोग के मरीजों में भी ग्लूटेन पाचन संबंधी समस्याओं को और बढ़ा देता है।
इसके अतिरिक्त, ग्लूटेन के दुष्प्रभाव केवल पाचन क्रिया तक ही सीमित नहीं रहते। इसके लगातार सेवन से थकान, जोड़ों का दर्द, त्वचा पर रैशेज, एनीमिया जैसी समस्यायें उत्पन्न हो जाती हैं। यह बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को भी प्रभावित करता है और युवा वर्ग या वयस्कों में हड्डियों को कमजोर कर देता है। यही कारण है कि जो लोग ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील होते हैं, उनके लिए ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड को अपनाना अत्यंत आवश्यक है।
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड का अर्थ एवं परिभाषा-

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड का अर्थ है, ऐसा त्वरित भोजन जिसमें गेहूं, जौ और राई जैसे अनाजों में पाए जाने वाले प्रोटीन ग्लूटेन, विद्यमान न हो। फास्ट फूड, सामान्य रूप से जल्दी तैयार होने और स्वादिष्ट विकल्पों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसमें सर्वाधिक विकल्प जैसे- पिज्जा, बर्गर, पास्ता, नूडल्स और सैंडविच मैदा या गेहूं पर ही आधारित होते हैं। यही कारण है कि ग्लूटेन, सीलिएक रोग से पीड़ित लोगों के लिए ये हानिकारक होता है।
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड की परिभाषा-
“ऐसा सुविधाजनक और स्वादिष्ट भोजन जो ग्लूटेन-मुक्त अनाजों, जैसे- चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी, क्विनोआ आदि से तैयार किया गया हो और इसे त्वरित भोजन के रूप में प्रयोग किया जा सके।” इसका उद्देश्य, ग्लूटेन को वर्जित करने वाले लोगों के लिए, केवल सुरक्षित विकल्प प्रदान करना ही नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के लिए भी एक संतुलित और पोषक से भरपूर विकल्प देना है।
इस ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड को अपनाने से, शरीर में पोषक तत्वों का सही ढंग से अवशोषण, थकान में कमी, और पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह जीवन में उत्पन्न होने वाली गंभीर बीमारियों जैसे- IBS (आंत की बीमारी), थायरॉइड, डायबिटीज आदि के प्रबंधन में भी सहायता करती है। इस प्रकार, आधुनिक जीवनशैली में ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, केवल एक विकल्प नहीं बल्कि स्वास्थ्य और स्वाद के लिए भी संतुलन प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। यह न केवल रोगियों के लिए राहत प्रदान करता है, बल्कि यह उन लोगों के लिए भी एक स्मार्ट और स्वस्थ विकल्प है जो फिटनेस और ऊर्जा को बनाए रखना चाहते हैं।
आजकल भारत में भी ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है। बड़े-बड़े शहरों के रेस्टोरेंट, कैफे और क्लाउड किचन भी अब बाजरा, ज्वार, रागी, क्विनोआ और चावल जैसे विकल्पों से तैयार, ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड और स्नैक्स प्रस्तुत कर रहे हैं। इससे न केवल स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया जा सकता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के उद्देश्य से भी अत्यंत सुरक्षित और लाभदायक है।
ब्लॉग का उद्देश्य–
इस ब्लॉग का मुख्य उद्देश्य, पाठकों को ग्लूटेन और उसके प्रभाव के बारे में जागरूक करना है। क्योंकि वर्तमान समय में, ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, हमारे व्यस्त और दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। ग्लूटेन, कई लोगों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है।
इसके अतिरिक्त इस ब्लॉग में, ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड का अर्थ एवं परिभाषा, आवश्यकता, भारत में उपलब्ध विकल्प, घर पर बनाने योग्य फास्ट फूड, फास्ट फूड से संबंधित सावधानियां, लाभ और मिथक का सम्पूर्ण विवरण है। इसके साथ ही, भारत में उपलब्ध ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के विकल्प स्ट्रीट फूड, रेस्टोरेंट विकल्प और घर पर बनाए जाने वाले आसान व्यंजनों की जानकारी दी गई है।
इस ब्लॉग का उद्देश्य, पाठकों को एक संतुलित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देना भी है, जिससे वे स्वाद और स्वास्थ्य, दोनों का आनंद ले सकें।
उपयोगी संसाधन-
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ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड: आवश्यकता-
आजकल ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, केवल एक डाइट ट्रेंड नहीं, बल्कि लोगों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यकता और महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। इसके कई कारण हैं।
1- सीलिएक रोग–

संसार की कुल जनसंख्या का लगभग 1% लोग, सीलिएक रोग से प्रभावित है और कई लोग डायग्नोसिस की व्यवस्था के आभाव में ही ग्लूटेन की समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, जीवन की आवश्यकता बन गयी है।
2- स्वास्थ्य के प्रति जागरूक पीढ़ी–

आजकल का युवा वर्ग, केवल स्वाद पर ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य पर भी ध्यान देता है। इसलिए फिटनेस प्रशिक्षक, पोषण विशेषज्ञ और आहार विशेषज्ञ भी ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड को व्यस्त जीवनशैली में, अपनाने की सलाह देते हैं।
3- जीवन में उत्पन्न होने वाली गंभीर बीमारियों का बढ़ना-

जीवन में उत्पन्न होने वाली गंभीर बीमारियों जैसे- थायरॉइड, और IBS (संवेदनशील आंत की बीमारी) में, ग्लूटेन से परहेज करने पर सुधार देखा गया है।
4- फूड इंडस्ट्री में इनोवेशन–

फूड इंडस्ट्री में अब बाजरा, ज्वार, रागी, क्विनोआ और चावल जैसे विकल्पों से पिज्जा, पास्ता और स्नैक्स बनाए जा रहे हैं। इससे स्वाद और स्वास्थ्य, दोनों एक साथ प्राप्त होते हैं।
5- ग्लोबल ट्रेंड का प्रभाव–

अमेरिका और यूरोप में ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड इंडस्ट्री, बहुत तेजी से बढ़ रही है। इसका प्रभाव धीरे-धीरे भारत पर भी पड़ रहा है। अब बड़े-बड़े शहरों के रेस्टोरेंट, कैफे और फूड ब्रांड्स ग्लूटेन फ्री मेन्यू, लोगों के सामने प्रस्तुत करने लगे हैं।
वर्तमान समय की व्यस्त जीवनशैली में, फास्ट फूड से दूरी अब लगभग संभव नहीं है। लेकिन जब यही फास्ट फूड ग्लूटेन फ्री रूप में उपलब्ध हो, तो यह स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का संतुलन बनाता है। ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, न केवल उन लोगों के लिए राहत प्रदान करता है जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी या संवेदनशीलता है, बल्कि उनके लिए भी उपयोगी है जो एक स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली को अपनाना चाहते हैं। अतः भविष्य में, ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि आधुनिक आहार संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग बनने जा रहा है।
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड: भारत में उपलब्ध विकल्प-
आजकल अब भारत में भी ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड की लोकप्रियता और विकल्प, अब तेजी से बढ़ रहे हैं। चाहे स्ट्रीट फूड हों या रेस्टोरेंट और क्लाउड किचन फूड हों। यहां ग्लूटेन फ्री डाइट के सभी विकल्प विद्यमान हैं।
1- स्ट्रीट फूड के विकल्प-
भारतीय स्ट्रीट फूड में कुछ विकल्प, स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन फ्री होते हैं।
भेल पूरी-

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, भेल पूरी, चावल और मुरमुरे पर आधारित होने के कारण, पूर्ण रूप से ग्लूटेन फ्री होता है।
भुट्टा (कॉर्न)–

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, मक्के का भुना हुआ या उबला हुआ रूप, पूर्ण रूप से स्वास्थ्यवर्धक और ग्लूटेन-फ्री स्नैक है।
पापड़ी चाट–

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, यदि पापड़ी चावल या बाजरे से बनाई गई हो, तो यह भी ग्लूटेन फ्री विकल्प बन जाती है।
2- रेस्टोरेंट और क्लाउड किचन के विकल्प–
आजकल कई भारतीय रेस्टोरेंट और क्लाउड किचन में भी अनेक प्रकार के ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड मेन्यू उपलब्ध हैं।
ग्लूटेन फ्री पिज्जा-

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, यदि बाजरा, ज्वार या चावल के आधार पर तैयार पिज्जा का स्वाद, पारंपरिक पिज्जा के जैसा ही होता है।
क्विनोआ सलाद–

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, यह स्वास्थ्यवर्धक और पोषक तत्वों से भरपूर विकल्प हैं।
राइस नूडल्स और कॉर्न पास्ता–

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, यह मक्का और चावल के आधार पर तैयार किया हुआ, इटालियन फास्ट फूड का ग्लूटेन फ्री रूप होता है।
3- पैक्ड या पहले से तैयार किया गया स्नैक्स–
मखाना–

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, यह हल्का और क्रंची, स्नैक के रूप में, पूर्ण रूप से बिल्कुल सुरक्षित होता है।
पॉपकॉर्न–

ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, यह मक्का पर आधारित होने के कारण, पूर्ण रूप से ग्लूटेन फ्री होता है।
बाजरे और ज्वार के चिप्स–
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के अंतर्गत, यह स्ट्रीट फूड का स्वास्थ्यवर्धक और पूर्ण रूप से ग्लूटेन फ्री विकल्प होता है।
अब भारत में भी ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड की मांग तेजी से बढ़ रही है। बड़े-बड़े शहरों के कई कैफे, रेस्टोरेंट और ऑनलाइन फूड प्लेटफॉर्म्स, अब विशेष रूप से ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के मेन्यू प्रदान कर रहे हैं। इससे न केवल सीलिएक रोग या ग्लूटेन सेंसिटिविटी के लोग भी, सुरक्षित फास्ट फूड का आनंद ले सकते हैं बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग भी स्वाद और स्वास्थ्य का संतुलन बना सकते हैं। इस प्रकार, भारत में ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड अब केवल विकल्प नहीं, बल्कि एक आवश्यकता और ट्रेंड बन चुका है।
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड: घर पर बनाने योग्य फास्ट फूड-
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, अब केवल बाजार तक ही सीमित नहीं है। घर पर भी आसानी से स्वादिष्ट और स्वस्थ ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड और स्नैक्स बनाया जा सकता है। यह न केवल स्वास्थ्यवर्धक होते हैं, बल्कि परिवार के सभी सदस्यों के लिए भी सुरक्षित विकल्प हैं।
1- बेसन चीला रोल्स–

बेसन का चीला प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें हरी सब्जियां, पनीर या चिकन भरकर स्वादिष्ट रोल्स को तैयार कर सकते हैं। यह नाश्ते और स्नैक दोनों के लिए उत्तम विकल्प है।
2- रागी या ज्वार का पिज्जा-

रागी या ज्वार के आटे से का पिज्जा बेस तैयार करें। ऊपर से हरी सब्जियां, चीज और अपनी पसंद की टॉपिंग डालकर स्वस्थ और कुरकुरा पिज्जा बनाएं। यह बच्चों और बड़े लोगों, दोनों के लिए स्वादिष्ट और स्वस्थ विकल्प है।
3- बाजरे का बर्गर पैटी–

बाजरे का आटा या दाल से बनी पैटी को सलाद और सॉस के साथ बर्गर में प्रयोग करें। यह ग्लूटेन फ्री होने के साथ-साथ प्रोटीन और फाइबर से भरपूर है।
4- चावल से बने स्प्रिंग रोल्स–

स्प्रिंग रोल्स के लिए, चावल की चपाती का प्रयोग करें। इसमें हरी सब्जियां, मशरूम या टोफू भरकर, स्वस्थ स्नैक तैयार किया जा सकता है। यह कुरकुरा और स्वादिष्ट होती है।
5- मूंग दाल पिज्जा डोसा–

मूंग दाल से डोसा बनाकर इसके ऊपर पिज्जा जैसी टॉपिंग डालें। यह अनोखा विकल्प बच्चों और लोगों, दोनों के लिए स्वादिष्ट, स्वस्थ और पूर्ण रूप से ग्लूटेन फ्री है।
घर पर बनाये जाने वाले सभी विकल्प, न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं, बल्कि अपने स्वाद और पोषण के लिए, बाजार के विकल्पों से कम भी नहीं हैं। इससे स्वाद और स्वास्थ्य, दोनों का संतुलन बनाए रखें।
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड: फास्ट फूड से संबंधित सावधानियां-
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड का सेवन करने या चुनाव करने के संबंध में, कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए केवल ‘ग्लूटेन फ्री’ लेबल देखकर संतुष्ट होना ही पर्याप्त नहीं है।
1- ‘ग्लूटेन फ्री’ लेबल की जांच–
खाने का पैकेज या रेस्टोरेंट मेन्यू को देखकर ही सुनिश्चित करें कि उत्पाद या डिश पर सही ढंग से ‘ग्लूटेन फ्री’ का लेबल लगा है या नहीं। इसमें कभी-कभी केवल मार्केटिंग के लिए भी, इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। इसलिए विश्वसनीय ब्रांड या रेस्टोरेंट को ही चुनें।
2- क्रॉस-कंटैमिनेशन का खतरा–
यदि ग्लूटेन फ्री विकल्पों को उसी स्थान पर तैयार किया जाता है जहां पर गेहूं या मैदा वाले विकल्प बनते हैं, तो इससे क्रॉस-कंटैमिनेशन का खतरा रहता है। छोटे संपर्क से भी, इसमें ग्लूटेन मिल सकता है। इसलिए किचन की सुरक्षा के मानकों की जांच करें या इससे संबंधित पूछताछ करें।
3- प्रोसेस्ड आइटम्स में छिपी सामग्री–
सॉस, ड्रेसिंग, फ्लेवरिंग एजेंसी या पैक किये हुए स्नैक्स में, कभी-कभी ग्लूटेन छिपा होता है। इसलिए सामग्री की सूची को जरूर पढ़ें। उन विकल्पों से बचें जिनमें ‘गेहूं का आटा’ या ‘संशोधित स्टार्च’ जैसी सामग्री की सूची हों।
अतः इन सावधानियों को ध्यान में रखकर न केवल स्वादिष्ट ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड का आनंद ले सकते हैं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बच सकते हैं।
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड: लाभ और मिथक-
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड से संबंधित अनेक लाभ और मिथक भी हैं, जिन्हें अच्छी तरह समझना अत्यंत आवश्यक है।
लाभ– ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड से बेहतर पाचन, ऊर्जा, रोग–प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि।
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड अपनाने के अनेक स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी हैं। सर्वप्रथम, यह पाचन तंत्र को आराम देता है, जिससे पेट-दर्द, गैस और भारीपन जैसी समस्यायें कम हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त, ग्लूटेन फ्री डाइट से ऊर्जा स्तर में सुधार होता है, जिससे दिनभर सक्रिय रहना, आसान हो जाता है। इसके साथ ही, सही ढंग से अपनाई गई ग्लूटेन फ्री डाइट, रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ा सकती है।
मिथक- ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, सदैव स्वस्थ या वजन घटाने में सहायक।
यद्यपि ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड के ग्लूटेन फ्री होने का अर्थ यह नहीं है कि यह सदैव स्वास्थ्यवर्धक या वजन घटाने में सहायक होता है। इसमें कई ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड पैक किया हुआ होता है या प्रोसेस्ड आइटम्स में शुगर और अतिरिक्त तेल भी मौजूद होते हैं, जो सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड का विकल्प चुनते समय, संतुलित और पोषणयुक्त विकल्प पर ही ध्यान देना आवश्यक है।
अतः ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड स्वास्थ्यवर्धक हो सकता है, लेकिन इसे स्मार्ट, संतुलित और सही ढंग से अपनाना ही उचित है।
ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड: निष्कर्ष–
आधुनिक और व्यस्त जीवन में ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, केवल एक विकल्प नहीं बल्कि स्वास्थ्य और स्वाद के लिए, एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। यह न केवल ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील लोगों के लिए, राहत प्रदान करता है, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक और फिटनेस पर केंद्रित रहने वाले लोगों के लिए भी लाभदायक है।
स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली के लिए, सही विकल्प को चुनना, इस ग्लूटेन फ्री डाइट को प्रभावशाली बनाता है। ग्लूटेन फ्री फास्ट फूड, अब केवल ट्रेंड ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत और सम्पूर्ण विश्व में, खाद्य उद्योग का एक स्थायी और बढ़ता हुआ एक महत्वपूर्ण अंग बनने जा रहा है।
अतः स्वाद और स्वास्थ्य का संतुलन बनाए रखने के लिए इसे अपनाना स्मार्ट निर्णय है।